रतलाम में वर्षीतप के 50 तपस्वियों के पारणा की व्यवस्था की

⛳अनुमोदना⛳
*अक्षय तृतीया पर पारणे
रतलाम के सकल श्री संघ मे वर्षीतप के लगभग 100 से 150 वर्षीतप के तपस्वियों के अक्षय तृतीया पर पारणा होता है लेकीन इस समय लॉक डाऊन होने के कारण  कोई भी तपस्वी पालीताना या हस्तिनापुर ,या अपने गुरुभगवन्त के सानिध्य   
पारणा करने नहीं जा सके अपने घरों में यह पारणा करना पड़ा लेकिन ऐसी विकट परिस्थितियों में किसी को भी समझ मे नही आ रहा था कि क्या किया जाए ऐसे समय मे हमारे रतलाम केजैन शेव्ताम्बर सोशल्य के महासचिव *श्री  जितेंद्र चोपड़ा उनके साथ अमृत जैन, संतोष चाणोदिया*जैसे युवाओं ने रतलाम के सभी तपस्वियों से सम्पर्क कर उनके गन्ने के रस से पारणा का संकल्प लिया* और सभी तपस्वी ओं के घर पर गन्ने के रस एवं बहुमान का घर पर ही व्यवस्था की यह ऐसे है जैसे घड़ी में सेकेंड के काटे के समान होते जो बिना कुछ कहे अपने कार्य को अंजाम देते है
घड़ी में तीन सुईयां होती हैं।
जिसमें एक सुई का नाम सेकंड वाली सुई के नाम से मशहूर है कि इस सेकंड वाली सुई का अपना अस्तित्व तो है लेकिन इसका उल्लेख कहीं नहीं होता। हर कोई कहता है कि दस बजकर पंद्रह मिनट हो गए है। कोई ये नहीं कहता कि दस बजकर पंद्रह मिनट और पांच सेकंड हुवे हैं। जबकि यह सेकंड वाली सुई दोनों से ज़्यादा कड़ी मेहनत और काम करती है और इन दोनों को आगे बढ़ने में मदद करती है। 
हमारे ज़िंदगी में कई लोग इस सेकंड वाली सुई की तरह हैं। जिनका ज़िक्र नहीं होता, लेकिन हमारे आगे बढ़ने में उनका अनोखा किरदार होता है....ऐसे व्यक्ति ही समाज मे नई दिशा देते है 
इनके अनुकरणीय कार्यो की बहुत बहुत अनुमोदना 
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🙏🙏हेमंत कोठारी🙏🙏