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🌹 *यादो का झरोखा -109* 🌹
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✒️ *खुली चिट्ठी* ✒️
🙏🏾 *रतलाम के चैतन्यमय नगर विधायक श्री चैतन्यजी काश्यप के नाम* 🙏🏾
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*सम्माननीय श्री काश्यपजी*
*सादर जयहिंद। जयजिनेन्द्र*
*आप इस नगर के विधायक है और मैं आपका/bjp का मतदाता हूँ ।आपका मेरा गुरुभाई ओर स्वधर्मी का भी नाता है। मेरा आपके साथ गुजरा हुआ काफी समय भी एक अमूल्य निधी है।आपकी तुलना में सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक दृष्टि से मैं काफी अदना व्यक्ति हूँ, शून्य हूँ और शायद कुछ भी नही हूँ। आपके ओर मेरे बीच मतैक्य नही होने के बावजूद मेरी अहमियत इतनी भर है कि आप मेरे मत से चुने गए जनप्रतिनिधि है और आपकी निरन्तर सक्रियता ओर जागरूकता के कारण मुझे आप पर ही नही स्वयं पर भी गर्व महसूस होता है।*
*यह विचित्र ही है कि न जाने कौन सा ऐसा कारण है कि आपके मेरे बीच एक खाई सी बनी रही।सामाजिक स्तर पर तो आप वैसे भी मुझे पसंद नही करते रहे हैं और राजनीतिक दृष्टि से भी आपके मन मे मेरे प्रति खटास का भाव मैंने हमेशा महसूस किया है।पूज्य पूण्य सम्राट के रतलाम चातुर्मास के दौरान सतत सक्रियता से मैंने अपनी ओर से उस खटास को मिटाने का प्रयास किया परन्तु वह न जाने कौन सी ऐसी ग्रन्थी आपके मन मे पनपी हुई है,जिसको उखाड़ने में मुझे असफलता ही मिली।खेर यह एकपक्षीय सम्भव भी नही है लेकिन आज मेरी इस चिट्ठी का सम्बंध आपके द्वारा जनहित ओर परमार्थ कार्यो के अनुमोदनार्थ है। नगर के एक जिम्मेदार नागरिक के नाते आपके कार्यो की अनदेखी कर अनुमोदना नही करता हूँ तो दरअसल यह मेरे स्वयं के मत ओर उस प्रत्येक मतदाता का अपमान होगा जिसने आपको जनप्रतिनिधि के रूप में चुना है।*
*हमारे पूज्य गुरुदेव पूण्य सम्राट श्रीमद विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी म.सा. के पास एक अलौकिक एवं अद्भुत शक्ति थी,उनकी सतत जागृत अवस्था ओर सकारात्मक सोच जिसके कारण वह् सदा सर्वदा के लिए अविस्मरणीय बन गए और मैं, बिना हिचक के कह सकता हूँ कि वह अद्भुत शक्ति आपको प्राप्त है।आपके अभी तक के कार्यकाल में आपके द्वारा किये गए कार्य मे त्याग की अनुभूति होती है तो आपको अपने पुण्यकर्मों से प्राप्त सदलक्ष्मी को परमार्थ में खर्च करने की विलक्षण क्षमता भी मिली है।*
*परमार्थ कार्यो में आपकी उदारता को किसी प्रमाण की आवश्यकता नही है देश, धर्म,समाज और कमजोर असहाय की मदद करने के पुरुषार्थ की फेहरिस्त वाकई लम्बी है।लक्ष्मी तो कई को प्राप्त होती है लेकिन उदारता बिरले को ही मिलती है।अहिंसग्राम जैसा चिंतन प्राकट्य रूप में मील का पत्थर है।अंत्योदय की अवधारणा से ओतप्रोत आपके कार्य और विनम्रता का भाव सराहनीय है।आज मैंने व्हाट्सएप पर आपदा प्रबंधन समूह की बैठक का फोटो देखा, जिसमे अन्य विधायको के साथ आप भी है।मोतीनगर जैसे जरूरतमंद ओर गरीब बस्ती में भोजन के 3000 पैकेट बंट रहे हैं वहां चैतन्य काश्यप फाउंडेशन 10 हजार पैकेट वितरित करेगा।यह दरिद्रनारायण के प्रति दया का उत्तम उदाहरण है,जिससे प्रभावित होकर मैने यह पोस्ट प्रकाशित की है।*
*मैंने कल जो देखा था वह कल की प्रतिक्रिया थी।आज जो देख रहा हूँ,वह आज की अवधारणा है और जो कल देखूंगा वह समयोचित मानसिकता होगी।नजरिया हो सकता है,नकारात्मकता से दूर ही रहता हूँ।स्वभावगत प्रीति ओर भय के मोह से नही बंधता पर दो कदम पीछे ओर चार कदम आगे बढ़ाने का हौसला गुरुदेव ने दिया है।मैं उनके पूज्य चरणों मे नमन करता हूँ और प्रार्थना करता हूँ आप उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते हुए परमार्थ भाव के लीन रहे।*
🙏🏾 *पारसमल खेड़ावाला* 🙏🏾